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हाईकोर्ट ने सेवानिवृति लाभ रोके जाने पर वन विभाग को दिए ये आदेश
Last Updated on April 10, 2021 by Deepak
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ( High Court) ने सेवानिवृति लाभ ( Retirement Benefits)रोके जाने को गैरकानूनी ठहराते हुए वन विभाग( Forest Department) को आदेश दिए कि वह प्रार्थी सतनाम को 30 दिनों के भीतर बकाया सेवानिवृति लाभ 9 फीसदी ब्याज सहित अदा करे। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने दोषी कर्मचारियों का पता लगाने व उनसे ब्याज राशि वसूलने की कार्रवाई भी 6 माह के भीतर पूरी करने के आदेश दिए। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता 30 अक्तूबर 2017 को बतौर रेंज ऑफिसर नैना देवी जी फारेस्ट रेंज से सेवानिवृत्त हुआ था।
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रिटायरमेंट ( Retirement)के समय प्रार्थी के खिलाफ कोई भी विभागीय अथवा आपराधिक मामला लंबित नहीं था फिर भी विभाग ने यह कहते हुए उसके सेवानिवृति लाभ रोक दिए कि उसके खिलाफ सेवानिवृति के बाद विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जानी है। विभागीय कार्रवाई का आधार प्रार्थी के कार्यकाल के दौरान नैना देवी जी फारेस्ट रेंज में 4500 से अधिक खैर के पेड़ों का अवैध कटान होना बताया गया। कोर्ट ने कहा कि सेवा नियमों के तहत वन विभाग के पास रिटायरमेंट के पश्चात किसी कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने की कोई अथॉरिटी नहीं है। इसलिए प्रार्थी के रिटायरमेंट बेनिफिट्स रोकना गैरकानूनी है।