-
Advertisement
हड़ताली जिला परिषद कर्मियों पर होगा एक्शन, CEO से 18 अक्टूबर तक मांगी रिपोर्ट
Last Updated on October 16, 2023 by Soumitra Roy
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Himachal Panchayat And Rural Development Department) ने बीते 17 दिन से हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर (District Council Cadre Workers) के कर्मचारियों का डेटा सभी जिलों के सीईओ (CEO) से मांगा है। रिपोर्ट आने के बाद हड़ताली जिला परिषद कर्मियों पर गाज गिरेगी। साफ है कि हड़ताल के कारण राज्य में आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों (Disaster Relief And Rehabilitation) में आ रही रुकावट सरकार को मंजूर नहीं है। सीईओ से 18 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद सरकार एक्शन लेगी।
आपको बता दें कि इससे पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा देते हुए हड़ताल खत्म करने की शर्त रखी थी। लेकिन हड़ताली कर्मी पूरे कैडर को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज में मर्जर की मांग पर अड़े हुए हैं।
पंचायतों का काम ठप
प्रदेश में करीब 4700 जिला परिषद काडर के कर्मचारियों की हड़ताल से पंचायतों (Himachal Panchayat) में रोजमर्रा का कामकाज ठप हो चुका है। हड़ताल के चलते पंचायती राज विभाग ने विकास कार्यों को जारी रखने के लिए वैकल्पिक बंदोबस्त (Alternative Arrangement) किए हैं। पंचायत स्तर पर मनरेगा सहित अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्य और लोगों के प्रमाण पत्र बनवाने का काम पंचायत सचिवों से लेकर चौकीदारों तक में बांटा गया है। सिलाई टीचर और ग्राम रोजगार सेवक तक इस वैकल्पिक व्यवस्था में हिस्सेदार हैं।
यह भी पढ़े:बारिश में भी जिप कर्मचारियों की हड़ताल जारी, सरकार को दी चेतावनी
मनरेगा के मूल्यांकन में ज्यादा परेशानी
तकनीकी कर्मचारियों की हड़ताल से मनरेगा के श्रमिकों की दिहाड़ी (Wage Payment Under MNREGS) सहित किए गए कार्यों के मूल्यांकन में कठिनाइयां आ रही हैं। प्रदेश में हाल ही में बरसात के कारण हुई भारी तबाही तथा आपदा के कारण ग्रामीण स्तर पर निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विशेष आर्थिक पैकेज जारी किया गया है। इसके अंतर्गत प्रभावित परिवारों के घरों एवं गौशालाओं इत्यादि का पुनर्निर्माण, कृषि व बागवानी भूमि के संरक्षण सहित अन्य राहत व पुनर्वास कार्य किए जाने हैं। मगर तकनीकी कर्मियों की अनुपस्थिति से यह कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसी के मद्देनजर विभाग ने अब जिला परिषद के सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से विकासात्मक एवं आपदा राहत कार्यों में हो रही देरी को देखते हुए सरकार ने ड्यूटी से गायब कर्मियों का डेटा मांगा है।