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शिमला। बागवानी मंत्री महेंद्र ठाकुर (Horticulture Minister Mahendra Thakur) ने कहा कि बागवानों की फसलों को लेकर एक बहुत बड़ा निर्णय लिया गया था। यह निर्णय चिंता का विषय बना है। बीमा कंपनियों ने प्रीमियर लेकर बागवानों को नाममात्र मुआवजा देकर ठगा। बीमा के नाम पर करीब 1500 से 8000 रुपये प्रीमियम काटा गया लेकिन नुकसान होने पर 15 से 75 पैसे मुआवजा देकर मजाक किया गया। ऐसा निर्णय लिया गया कि इंश्योरेंस कंपनियों (Insurance Companies) ने सिर्फ बैंकों (Banks) के खाता धारकों को ही लाभ पहुंचाया। बैंक अधिकारियों व कंपनी की मिलीभगत से एक बड़ा नुकसान बागवानों को हुआ है। इसकी रिपोर्ट मांग गई है, जैसे ही रिपोर्ट उनके पास पहुंचेगी मामले में कार्रवाई करेंगे। मामले में एसआईटी (SIT) भी गठित करने पर विचार होगा। जरूरत पड़ी तो किसी केंद्रीय एजेंसी से मामले की जांच करवाने में भी पीछे नहीं रहेंगे। महेंद्र ठाकुर यहां मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
असमय हुई बर्फबारी (Snowfall) व ओलावृष्टि से बागवानों को हुए नुकसान को लेकर उन्होंने कहा कि मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। साथ ही कैबिनेट (Cabinet) में भी यह मामला ले जाया जाएगा। कैसे और किस तरीके से मदद की जा सकती है, इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बागवानों को विश्वास दिलाया है कि सेब आदि अन्य फलों की उचित कीमत दिलवाने की सरकार पूरी कोशिश करेगी। सरकार बागवानों के साथ है। अगर कोई परेशानी बागवानों को आती है तो वह किसी भी रूप में सरकार से संपर्क कर सकते हैं। सरकार व विभाग बागवानों की मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब को नुकसान पहुंचा है। वहीं, नीचले व मध्य क्षेत्रों में सेब (Apple) की अच्छी फसल है। इस बार 4 करोड़ से अधिक पेटियों के उत्पादन का अनुमान है। उन्होंने कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते एंटी हैल नेट (Anti Hail Net) को नुकसान पहुंचा है। आईआईटी मुंबई (IIT Mumbai) की एक टीम हिमाचल में रिसर्च करने जा रही है। उन्होंने एक एंटी हेल नेट तैयार की है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दस स्थानों पर रिसर्च करेंगे। अभी एंटी हैल नेट की कीमत 15 से 30 लाख है, लेकिन रिसर्च के बाद यह 8 से 15 लाख में उपलब्ध हो जाएगी। इससे दोनों तरफ पांच सौ मीटर क्षेत्र कवर होगा। उन्होंने कहा कि आढ़तियों से भी बातचीत की गई है। उनसे कहा गया है कि बागवानों से किसी भी प्रकार की ठगी आदि ना हो। बागवानों को सेब के उचित दाम मिलें।
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