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शिमला। सीमा ठाकुर एचआरटीसी (HRTC Seema Thakur) की बस हिमाचल से बाहर दौड़ाने वाली पहली महिला चालक बन गई हैं। बस चालक (Driver) बनने के बाद उनकी बड़ी तमन्ना थी कि वो भी एचआरटीसी के दूसरे पुरुष चालकों की तरह इंटरस्टेट रूट पर हिमाचल (Himachal) से बाहर भी बस दौड़ाए। अब सीमा ठाकुर का यह सपना पूरा हो गया, लेकिन सीमा (Seema) को यह सपना पूरा करने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी और शायद उनकी यह जद्दोजहद अभी काफी लंबी चलेगी। यह हम नहीं कह रहे यह खुद सीमा ठाकुर की बातें कह रही हैं।
सीमा ने चंडीगढ़ तक बस ले जाने का अनुभव साझा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ ड्राइवर (Drivers) हमसे जलते हैं वो कुछ घंटे ही ड्यूटी करते हैं और फिर ताश खेलते हैं। उन्होंने कहा कि डीएम उन्हें सहयोग ना करें, क्योंकि रूल्स सभी के लिए बराबर हैं। दरअसल पत्रकारों ने जब सीमा से सवाल किया कि आप इस उपलब्धि का श्रेय किसे दोगे तो सीमा ने जवाब दिया कि मैं माता-पिता, अपने सीनियर, अड्डा इंजार्ज और इस बस के चालक जिन्होंने अपनी बस दी उन्हें श्रेय देती हूं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुझ पर गर्व करते हैं, लेकिन जो लोग जलते हैं वो जलते रहें।
उन्होंने कहा कुछ ऐसे ड्राइवर हमारे बीच हैं वो दो घंटे ड्यूटी करते हैं और फिर पूरा दिन जुआ खेलते हैं। ये चीजें छोड़ दें नहीं तो हाथों में चूड़ियां पहन लें। उन्होंने कहा कि डीएम ऐसे लोगों का सहयोग करना छोड़ दें। उनसे ड्यूटी लें नहीं लोकल सेक्टर चलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रूल इज रूल, रूल सबसे लिए बराबर है। वो भी पूरे आठ घंटे ड्यूटी करें नहीं तो डीएम के साथ चलते बनें।
31 वर्षीय सीमा ठाकुर हिमाचल की पहली महिला हैं जो एचआरटीसी में बतौर चालक बस ड्राइवर अपनी सेवाएं दे रही हैं। सीमा ठाकुर अभी सीमा शिमला से सोलन के रूट पर इलेक्ट्रॉनिक बस चला रही थीं, लेकिन अब उन्हें पहली बार शिमला से चंडागढ़ रूट दिया गया है। इसके बाद अब कल सीमा ठाकुर दिल्ली जाएंगी
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