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नरेंद्र बरागटा पंचतत्व में विलीन हुए, 2021 में दुनिया को अलविदा कह गए ये माननीय
शिमला। आज जुब्बल कोटखाई से बीजेपी विधायक और पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा पंचतत्व में विलीन हो गए। रविवार को नरेंद्र बरागटा के पैतृक गांव टहटोली स्थित शमशानघाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा के बड़े बेटे चेतन बरागटा ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। आपको बता दें कि बीते रोज पीजीआई चंडीगढ़ में नरेंद्र बरागटा का निधन हो गया था। नरेंद्र बरागटा मुख्य सचेतक भी थे। कोरोना काल में इस साल हिमाचल ने सिर्फ मई महीने में 1600 से ज्यादा हिमाचलियों को खो दिया, लेकिन 2021 में कोरोना के अलावा भी हिमाचलियों ने अपने 6 माननीय खो दिए, इसमें से तीन माननीय सिटिंग एमपी या एमएलए थे, जबकि 3 पूर्व एमएलए या राज्यमंत्री थे। 2021 में छह महीने के भीतर ही हिमाचल के 2 मौजूदा एमएलए, एक सांसद और 3 पूर्व विधायक दुनिया को अलविदा कह गए।
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सुजान सिंह पठानिया
इस साल सबसे पहले 12 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक एवं पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया 78 वर्ष की आयु में निधन हुआ। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई थी, लेकिन इससे पहले ही उनका घर पर देहांत हो गया। सुजान सिंह पठानिया 2017 में अधरंग (पैरालिसिस) हो गया था, तबसे उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती थी। सुजान सिंह पठानिया वीरभद्र सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे थे।
रामस्वरूप शर्मा
इसके बाद 17 मार्च को वो खबर सामने आई जिसने हर हिमाचली को स्तब्ध कर दिया। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद रामस्वरूप शर्मा दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर मृत पाए। दरअसल रामस्वरूप शर्मा का शव फंदे से लटका हुआ था और कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद था। ऐसे में सांसद रामस्वरूप शर्मा द्वारा खुदकुशी करने की आशंका जताई गई। रामस्वरूप शर्मा मंडी संसदीय क्षेत्र के मौजूदा सांसद थे और चाल लाख से ज्यादा मतों से जीतकर लगातार दूसरी बार सांसद बने थे। उनके मामले में अभी तक भी कई सवाल लोगों के मन में हैं जिनका जवाब शायद ही कभी मिल पाए।
मोहन लाल
इसके बाद 2 अपैल को बीजेपी सरकार में आयुर्वेद राज्यमंत्री रहे मोहन लाल का निधन हो गया। आयुर्वेद राज्यमंत्री रह चुके मोहन लाल कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मोहन लाल चंबा के राजनगर, जिसे अब चुराह विधानसभा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है वहां से चार बार विधायक चुने गए थे। मोहन लाल ने अपना पहला चुनाव 1977 में लड़ा था। 1998 से 2003 तक प्रेम कुमार धूमल की सरकार में आयुर्वेद मंत्री का जिम्मा संभाला। राजनीति में आने से पहले वह स्वास्थ्य विभाग में बतौर क्लर्क तैनात थे। चंबा जिला में भाजपा को मजबूत बनाने में मोहन लाल ने अहम योगदान दिया था।
राम सिंह
इसके बाद आठ मई को मंडी जिले के जोगिंद्रनगर के विधायक रह चुके राम सिंह का उनके पैतृक गांव लांगणा में सीढ़ियों से गिरने से निधन हो गया। पूर्व विधायक राम सिंह 91 साल के थे। राम सिंह के परिजनों ने बताया था कि वो घर में सीढ़ियों पर अचानक गिर गए थे। इससे पहले कि उन्हें नजदीकी अस्पताल में उपचार दिलाया जाता, उन्होंने मौत हो गई। राम सिंह 1972 से 77 तक उस समय की चौंतड़ा विधानसभा क्षेत्र से आजाद विधायक चुने गए थे। मौजूदा समय में राम सिंह पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष थे।
अमर सिंह चौधरी
दो जून को भोरंज जो पहले मेवा विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था वहां के 82 वर्षीय पूर्व विधायक अमर सिंह की निधन हुआ। अमर सिंह चौधरी दो बार विधायक रहे थे। जोगिंद्रनगर के पूर्व विधायक राम सिंह की तरह अमर सिंह चौधरी का निधन भी घर में सीढिय़ों से गिरने से हुआ। अमूमन आपने देखा होगा कोई व्यक्ति पहले प्रधान, या वार्ड मेंबर बीडीसी सदस्य बनता है उसके बाद विधायकी तक पहुंचता है, लेकिन अमर सिंह चौधरी ऐसे विधायक रहे जिन्होंने पहले विधायक और फिर वार्ड मेंबर से लेकर बीडीसी सदस्य तक का सफर तय किया।
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