-
Advertisement
लैटर बम जांच, दो पर आंच! साइबर थाना में तलब किए गए व्यक्ति, हो सकता है खुलासा
Last Updated on July 1, 2021 by saroj patrwal
शिमला। पिछले महीने एक लेटर बम (Letter Bomb) ने हिमाचल की राजनीति में दस्तक दी थी। पत्र एक तरह से गुमनाम (Anonymous) भी था और नहीं भी, क्योंकि पत्र में कोई नाम-पता पुख्ता नहीं था। पत्र के नीचे साइड में एक पवन नाम जरूर लिखा गया था, लेकिन यह भी तय नहीं की ये किसके द्वारा लिखा गया। हालांकि पत्र लिखने वाले ने खुद को आरएसएस और बीजेपी (BJP) का कार्यकर्ता बताया था। पत्र में हिमाचल सरकार के एक मंत्री (Himachal Government Minister), एक आयोग की अध्यक्ष और ड्रग महकमे के एक बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार (Corruption) को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए। हालांकि इसमें कई अन्य आपत्तिजनक बातें भी लिखी गई थीं।
यह भी पढ़ें: शिमला में Police से उलझे हरियाणा के पर्यटक, थप्पड़ से मिला जवाब
इस मामले में पर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने बयान दिया था कि इस तरह के सैंकड़ों पत्र रोजाना मिलते हैं। यदि किसी में हिम्मत है तो नाम और सबूत के साथ सामने आए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि था कि जिस व्यक्ति ने यह हरकत की है यदि वो मिला तो उसे कहीं से भी ढूंढ निकालेंगे। इसके बाद मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करने का सिलसिला शुरू हुआ। कई अज्ञात लोगों पर भी मामले बने और कुछ ज्ञात लोगों पर भी मामले बने। एक व्यक्ति जिन्हें पुलिस ने पूछताछ के मकसद से तलब किया वो नाम था पूर्व कांग्रेस विधायक नीरज भारती का। खैर अब इस मामले में नई अपडेट सामने आ रही है।
यह भी पढ़ें: BJP ज्वाइन करते ही करनैल राणा को मिली यह जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार लेटर बम मामले में सीआईडी के हाथ कुछ सुराग लग चुके हैं। इसके आधार पर जल्द ही आरोपित का पता लगेगा। इस संबंध में साइबर पुलिस ने जांच तेज कर दी है। सोलन के परवाणू से संबंध रखने वाले दो व्यक्तियों को पूछताछ के लिए शिमला साइबर थाना तलब किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच टीम ने परवाणू में दबिश देते हुए कुछ व्यक्तियों के कंप्यूटर, लैपटॉप और कुछ मोबाइल भी कब्जे में लिए थे। अब तक की छानबीन में जांच टीम के समक्ष कई तथ्य सामने आए हैं। यही नहीं, मामले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली गई है।
आपको बता दें कि लेटर बम को लेकर सरकार ने इस पत्र की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद डीजीपी हिमाचल संजय कुंडू ने पूरे मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी। सीआईडी पहले भी ऐसे ही एक ऐसे ही गुमनाम पत्र के असल लेखक पकड़ चुकी है। दरअसल उस समय कोरोना काल के दौरान हिमाचल में वेंटिलेटर खरीद को लेकर एक पत्र जारी हुआ था। इस लेटर में यह दावा किया गया था कि हिमाचल में कम कीमत वाले वेंटिलेटर ज्यादा पैसे देकर खरीदे गए। हालांकि पूरे मामले की जांच हुई, लेटर लिखने वाले को भी पुलिस ने खोज निकाला और साबित कुछ हुआ नहीं। ऐसा कहा गया कि लेटर लिखने वाले व्यक्ति ने गलत मंशा से ऐसा किया था।