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कच्ची घाटी बनी ‘मौत की घाटी’, कभी गिर सकते हैं कई मकान
Last Updated on October 1, 2021 by Deepak
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कच्चीघाटी इलाके में गुरुवार को सात मंजिला बिल्डिंग गिर गई थी, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। यहां पांच-पांच मंजिला दो बड़े भवनों को अनसेफ घोषित कर दिया गया है। ये दोनों मकान कभी भी ढह सकते हैं।
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हाईवे के पास बने पांच मंजिला पूजा कॉटेज, पांच मंजिला हरि पैलेस भवन अनसेफ हो गए हैं। इन्हें खाली करवा दिया है। बारिश के पानी से मकानों की नींव को बचाने के लिए इनकी नींव को तिरपाल ढक दिया गया है। नाले के पास बना चार मंजिला चौहान कॉटेज भी दूसरे भवन पर गिरने से अनसेफ हो गया है।इन सभी को शुक्रवार को खाली करवा दिया गया है। अनसेफ हो चुके भवनों से दूसरे मकानों को भी खतरा है। पहाड़ी से अभी भी भूस्खलन हो रहा है। साथ लगते कई मकानों की सीढ़ियों पर भी दरारें पड़ चुकी हैं। भूस्खलन से रास्ते समेत कई बिजली के खंभे और पेयजल लाइनें भी टूट गई हैं।
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इन भवनों के आस पास रह रहे कुछ लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है। लोगों ने नुकसान के लिए सरकार से मुआवजे की भी मांग की है। ढहे चुके और अनसेफ हुए मकानों से 17 परिवारों को शिफ्ट किया गया है। इनमें से कुछ अपने दूसरे ठिकानों पर चले गए हैं तो कई रिश्तेदार या किराये के मकान में ठहरने को मजबूर हैं। इसके अलावा साथ लगते मकानों में रहने वाले कई किरायेदार भी भूस्खलन के डर से यहां से शिफ्ट होना शुरू हो गए हैं।
वहीं, राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बहुमंजिला इमारत ढहने के मामले की जांच रिपोर्ट दस दिन के भीतर सौंपने के आदेश दिए हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि यह हादसा किन कारणों से हुआ यह राजस्व विभाग के अधिकारी जांच करके विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश सरकार को देंगे।
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