-
Advertisement
एसिड अटैक पीड़िता का खाता खोलने से बैंक ने किया मना, मांगी शाहरुख से मदद
Last Updated on July 13, 2023 by sintu kumar
मुंबई। एसिड अटैक पीड़िता और मोटिवेशनल स्पीकर प्रज्ञा प्रसून सिंह ने बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए शाहरुख खान से मदद मांगी है। प्रज्ञा को एक निजी बैंक ने नया अकाउंट खुलवाने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया क्योंकि वह एसिड अटैक के बाद अपनी पलकें नहीं झपक सकतीं। इस प्रक्रिया में प्रज्ञा केवायसी की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाईं और बैंक में उनका अकाउंट नहीं खुल सका। अब प्रज्ञा ने ट्वीट कर इस संबंध में शाहरुख खान और उनके NGO से मदद मांगी है।
प्रज्ञा ने ट्वीट में कहा है कि उनका बैंक अकाउंट सिर्फ इसलिए नहीं खुल सका क्योंकि एक मशीन उनकी आंखों की बायोमेट्रिक डिटेल लेने में असमर्थ है। शाहरुख खान ने अब तक उनके ट्वीट पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है। मुझे भी और लोगों की तरह सम्मान की जिंदगी जीने का अधिकार है और सिर्फ इसलिए क्योंकि वो अपनी पलकें नहीं झपका सकतीं, उनका बैंक अकाउंट नहीं खोला गया।
उन्होंने शाहरुख खान और उनके NGO मीर फाउंडेशन को टैग करके लिखा- मुझे उम्मीद है कि आप मेरी मदद करेंगे और इस दुनिया को एसिड अटैक का शिकार हुए लोगों के जीने लायक बनाने में आगे आएंगे। उन्होंने हैशटैग #आईवोंटब्लिंक का भी यूज किया।
प्रज्ञा ने ऑनलाइन वेबसाइट पर सुनाई आपबीती
प्रज्ञा प्रसून सिंह ने एसिड अटैक से पीड़ित लोगों की रोजमरा जिंदगी में आने वाली परेशानियों को हाईलाइट करते हुए चेंजमेकर वेबसाइट पर ऑनलाइन पेटीशन भी दायर की है। प्रज्ञा प्रसून सिंह ने इस पेटीशन में KYC और बैंक अकाउंट संबंधी परेशानियों के अलावा मशीनों की लिमिटेशन पर भी बात की है।
यह भी पढ़े:रेसलर विनेश फोगाट घर पर नहीं मिलीं, फोन नहीं उठाया, अब NADA का नोटिस
पेटीशन में उन्होंने लिखा है- मुझे बैंक में नया अकाउंट सिर्फ इसलिए नहीं खोलने दिया गया क्योंकि आजकल कुछ बैंकों में अकाउंट खोलने के लिए लाइव वीडियो में पलकें झकपाते हुए रिकॉर्ड करना जरूरी कर दिया है। लेकिन, क्योंकि मैं एक एसिड अटैक पीडिता हूं, मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं है।
पिता मीर ताज मोहम्मद खान के नाम पर शाहरुख ने शुरू किया फाउंडेशन
साल की शुरुआत में शाहरुख खान मीर फाउंडेशन के साथ अपनी IPL टीम KKR के मैच के दौरान कोलकाता में एसिड अटैक पीड़ितों से मिलने गए थे। शाहरुख खान ने अपने पिता मीर ताज मोहम्मद खान के नाम पर खासतौर से एसिड अटैक से पीड़ित लोगों के लिए 2013 में अपना फाउंडेशन शुरू किया है। ये फाउंडेशन पीड़ित लोगों की करेक्टिव सर्जरी की फंडिंग भी करती है।