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इस देश का पेंशन सिस्टम है दुनिया में सबसे बेस्ट, यहां पढ़े क्या है खास
Pension system of the Netherlands: सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम(Unified Pension Scheme) का ऐलान किया है। इस स्कीम की खासी चर्चा है। हमारे देश में पेंशन योजनाएं सदा ही महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बनती रही हैं। पेंशन को लेकर सभी के अलग- अलग मत रहे हैं। आज हम एक ऐसे देश के बारे में बता रहे हैं जिस देश की पेंशन व्यवस्था को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। वह देश है नीदरलैंड(Netherlands)। इस देश को अपने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए दुनिया में पहली रैंकिंग मिली है। सबसे पहले ये जान लेते हैं कि नीदरलैंड का पेंशन सिस्टम कैसा है …
मर्सर सीएफए इंस्टीट्यूट ग्लोबल पेंशन इंडेक्स(Mercer CFA Institute Global Pension Index) के अनुसार, नीदरलैंड में पेंशन व्यवस्था (Pension system in the Netherlands)सबसे बढ़िया है। 18 से 67 साल तक की आयु के सभी लोग जो नीदरलैंड में रहते हैं या काम करते हैं, वे सभी पेंशन प्रणाली के तहत पेंशन पाने के हकदार होते हैं। इसके लिए सरकारी पेंशन सिस्टम एओडब्ल्यू (AOW) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके तहत नीदरलैंड में सभी लोग इंश्योर्ड होते हैं। यह इंश्योरेंस नीदरलैंड में रहने वाले सभी लोगों को ऑटोमैटिक मिलता है पर अगर वे विदेश चले जाते हैं तो इसका लाभ मिलना बंद हो जाता है।
वर्कप्लेस पेंशन का भी लाभ मिलता है
नीदरलैंड में स्टेट पेंशन एज (रिटायरमेंट की उम्र) पर पहुंचने के दिन से ही यह पेंशन मिलने लगती है। सोशल इंश्योरेंस बैंक के जरिए पेंशन संबंधित के खाते में पहुंचनी शुरू हो जाती है। वहीं, अगर कोई नीदरलैंड में काम कर रहा है तो उसे वर्कप्लेस पेंशन (Workplace pension)का भी लाभ मिलता है। हर महीने नियोक्ता अपने कर्मचारी के पेंशन फंड में एक निश्चित राशि डालता है। एक निश्चित राशि कर्मचारी के वेतन से भी काटी जाती है। कर्मचारी जब रिटायर होता है तो उसे बेसिक स्टेट पेंशन (Basic State Pension)की राशि में इस पेंशन की राशि जोड़कर मिलती है।
ईपीएफओ पेंशन की तरह ही है
नीदरलैंड में वर्कप्लेस पेंशन कुछ-कुछ भारत की नेशनल पेंशन स्कीम और निजी क्षेत्र में लागू ईपीएफओ पेंशन की तरह ही है पर इसकी राशि में काफी अंतर होता है। वहां इंडस्ट्री वाइड या एम्प्लायर स्पॉन्सर्ड ऑकुपेशनल पेंशन (Employer Sponsored Occupational Pension) में देश के करीब 90 फीसदी कर्मचारी आते हैं। इस पेंशन स्कीम के तहत अगर कोई व्यक्ति जल्दी रिटायर होता है तो उसे वर्कप्लेस पेंशन कम मिलती है। यानी अधिक समय तक काम करने पर वर्कप्लेस पेंशन की राशि भी बढ़ती जाती है, क्योंकि नियोक्ता और कर्मचारी का अंशदान पेंशन फंड में बढ़ता जाता है। इसके अलावा नीदरलैंड में यह व्यवस्था भी है कि कर्मचारी अगर चाहे तो तय स्टेट पेंशन एज के बाद भी रिटायर हो सकता है। ऐसी स्थिति में पेंशन की राशि और भी बढ़ जाती है।
एक जुलाई 2023 से फ्यूचर ऑफ पेंशन एक्ट लागू
नीदरलैंड में एक जुलाई 2023 से फ्यूचर ऑफ पेंशन एक्ट (Future of Pensions Act) लागू हो चुका है, जिसके अनुसार पेंशन सिस्टम में कई बदलाव चरणबद्ध तरीके से होने हैं। साल 2019 में सरकार, नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच इसको लेकर सहमति बनी थी। नए कानून के मुताबिक ऑक्युपेशनल पेंशन स्कीम अब डिफाइंड कंट्रीब्यूशन के आधार पर लागू होगी न कि डिफाइंड बेनिफिट के आधार पर। इस व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से एक जनवरी 2028 तक लागू किया जाना है। सोशल इंश्योरेंस बैंक की ओर से दी जाने वाली पेंशन की पे एज यू गो व्यवस्था लागू रहेगी। इसमें इतना बदलाव किया गया है कि साल 2024 से इसके लिए उम्र सीमा बढ़ाकर 67 साल कर दी गई है और 2028 में यह 67 साल और तीन महीने हो जाएगी।
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