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पानी का 4 माह का बिल 48 हजार, उपभोक्ताओं ने विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
कुल्लू। हिमाचल के कुल्लू (Kullu) जिला में इन दिनों जल शक्ति विभाग से उपभोक्ता खासे परेशान हैं। विभाग की गलती की सजा लोगों को भारी भरकम पानी के बिलों के रूप में चुकानी पड़ रही है। विभाग ने लोगों को चार माह के पानी के बिल किसी को 48 हजार तो किसी को 27 हजार के करीब दिए हैं, जिससे उपभोक्ता खासे परेशान हैं। यही नहीं विभाग द्वारा बांटे गए बिलों में नई रिडिंग तो है, लेकिन पुरानी रिडिंग अंकित नहीं की गई है। जिसके चलते उपभोक्ताओं में खासा रोष है। उपभोक्ताओं (Consumer) ने जब कार्यालय (Office) में जाकर रिकार्ड खंगाले तो उन्हें वहां भी पुरानी रिडिंग कहीं नहीं मिली। अब उपभोक्ताओं ने विभाग की गलती का खामियाजा भुगतने से साफ इंकार किया है। उन्होंने प्रशासन से पानी के बिलों में की जा रही धांधली की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मामला कुल्लू जिला के कटराईं उपमंडल के जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) का है।
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मिली जानकारी के अनुसार यहां जल शक्ति विभाग ने चार माह (Four month) का बिल किसी को 48 हजार तो किसी को 26 हजार थमा दिया है। बिल में नई मीटर रिडिंग तो दिखाई गई है, लेकिन पुरानी मीटर रिडिंग का कॉलम (Old Meter Reading Column) खाली रखा गया है। कटराईं के स्वरूप लाल उपाध्याय को 48,734 रुपये का पानी का चार महीने का बिल दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने दिसंबर 2020 तक नियमित रूप से अपना पानी का बिल भरा है। जनवरी से मई 2021 तक का पानी का बिल 48 हजार से अधिक आने पर वह खासे परेशान हैं। वहीं गांव बशकोला के निवासी कुंजन बौध को भी अप्रैल 2021 तक का पानी का बिल (Water Bill) 26,763 थमा दिया है। जब उपभोक्ता ने जल शक्ति विभाग के कार्यालय में रजिस्टर में एंट्री देखी तो 20 सिंतबर 2020 को उन्होंने 2,700 रुपये बिल के अदा किये हैं। इसी तरह से कटराईं के अजय शर्मा ने बताया कि उनका पानी का मीटर उनके पिता के नाम स्वर्गीय हरवंस शर्मा के नाम पर हैए जिनका पानी का बिल भी 27,381 रुपये आया है, उन्होंने भी दिसंबर 2020 तक पानी के बिल की अदायगी की हुई है। बता दें कि कटराईं उपमंडल में जैसे जैसे लोगों को पानी के बिल मिल रहें वैसे वैसे कई उपभोक्ताओं को इसी तरह के बिल आ रहें हैं।
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कुंजन बौध ने बताया कि जब उन्होंने जल शक्ति विभाग के कार्यालय (Office of Jal Shakti Department) में जाकर अपना रिकार्ड खंगाला तो वहां पर पुरानी रिडिंग विभाग के रजिस्टर में कहीं भी अंकित नहीं थी। जल शक्ति विभाग से जब उन्होंने पूछताछ की तो उन्हें बताया कि विभाग पिछले कई वर्षों से मीटर रिडिंग नहीं लेने और सरकारी दस्तावेज को दुरूस्त ना रखने की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेज को सही रखने का कार्य विभाग का है उसके लिए आम जनता से हजारों रुपये बिल के रूप में भरपाई क्यों की जा रही है। उपभोक्ताओं ने प्रदेश सरकार व जनशक्ति विभाग से आग्रह किया है कि वह इस मामले को नेगोशियट करें। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि पानी के बिलों में की जा धांधली की उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि आम जनता को परेशानी न हो।
क्या कहते हैं जल शक्ति विभाग के सहायक अभियंता
जलशक्ति विभाग उपमंडल कटराईं के सहायक अभियंता अंलकृत प्रकाश ने कहा कि कोरोना काल के चलते मार्च 2020 से उपभोक्ताओं को बिल नहीं दिए गए थे, लेकिन अब हर महीने पानी के बिल रिडिंग के हिसाब से आया करेगा। उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल अधिक है, वह किश्तों में बिल की अदायगी कर सकते हैं।
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