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हमीरपुर। सीएम सुक्खू (CM Sukhu) के गृह जिला में फैली बीमारी (Disease) की चपेट में अब तक 800 लोग आ चुके हैं। सबसे अधिक दो गांवों में यह बीमारी फैली हुई है। ग्रामीण गांवों में फैली बीमारी का आरोप सीधे सीधे जल शक्ति विभाग द्वारा दी जा रही गंदे पानी की सप्लाई को बता रहे हैं। जिसके बाद जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department ) उठाऊ पेयजल योजना को लेकर लीपापोती करने में लग गया है। बताया जा रहा है कि विभाग ने सर्कुलेशन टैंक में पानी के खड्ड से बनाई कुहल को बंद कर दिया है।
इस कुहल से खड्ड का पानी सीधे सर्कुलेशन टैंक में डाला जाता था। लेकिन अब विभाग ने कूहल के एक हिस्से को बंद कर दिया हैए ताकि यह पता ना चल पाए कि खड्ड से सीधा लाया गया पानी टैंक के अंदर जा रहा है। वहीं वाटर टैंक (Water Tank) को भी रंग रोगन कर चमकाने का प्रयास किया जा रहा है। टैंक के अंदर का पानी निकाल दिया है। वहीं बताया जा रहा है कि आज यानी सोमवार सुबह करीब खड्ड से पानी का सैंपल लिया गया है। जिसे पहले कंडाघाट लैब भेजा जाना थाए लेकिन अब उसे हमीरपुर स्थित एनआईटी में भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट रात तक आने की संभावना है।
सोमवार को भी निजी क्लीनिकों (Private Clinics) और अन्य अस्पतालों में उल्टी दस्त और बुखार के मरीजों के आने का सिलसिला जारी रहा। निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में मरीजों का काफी भीड़ रही। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने गांवों का दौरा कर लोगों की जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की टीमें प्रभावित क्षेत्रों रंगस और कंडरोला के 22 गांवों में मरीजों की देखभाल में जुटी हैं। वहीं सीएमओ डॉ आरके अग्निहोत्री ने बताया कि 22 गांवों का दौरा करके मरीजों की स्थिति का जायजा लिया गया है। वहीं गांवों में दवाइयां और अन्य सामग्री भी वितरित की जा रही है।
डीसी हमीरपुर देबश्वेता बनिक (DC Hamirpur Debshweta Banik) ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रैल के अंतर्गत आने वाले कुछ गांवों नियाटी, शंकर, थाई, जंदली राजपूतां, जंदली गुजरां, वन, देही, ठपर और रंगस में दस्त रोग के फैलने के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग और जलशक्ति विभाग को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित गांवों में लोगों की जांच कर रही हैं। जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को भी क्षेत्र के सभी पेयजल स्रोतों (Drinking Water Sources) और सप्लाई लाइनों की जांच एवं टेस्टिंग के निर्देश दिए गए हैं। रोग फैलने के अन्य संभावित कारणों की भी जांच की जा रही है। डीसी ने बताया कि इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और आशा वर्कर्स के माध्यम से आवश्यक दवाईयां, ओआरएस के पैकेट्स, क्लोरीन की गोलियां और अन्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में पहुंचा दी गई है।
नादौन (Nadaun) विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पंचायत में फैली गंदगी अब लोगों के लिए जी का जंजाल बनने लगी है। एक तरफ आंत्रशोथ की बीमारी से 800 के लगभग लोग जूझ रहे हैं। वही अब साथ में लगती पंचायतों में फैली गंदगी भी इसका कारण मानी जा रही है। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण किया तो पाया कि आस-पास के गांव में गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम में निरीक्षण पर पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरके अग्निहोत्री ने बताया कि कुछ साथ लगते गांव में गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है। जिससे भी बीमारी फैलने का अंदेशा लगाया जा सकता है।
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