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शिमला। जहरीली शराब मामले में गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों की चल-अचल संपत्ति को सीज और फ्रीज कर दिया गया है। अब बैंक (Bank) खातों से न तो निकासी हो सकेगी और न ही संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकेगी। यही नहीं, आय से अधिक संपत्ति की रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके बाद मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपा जाएगा। जहरीली शराब पीने से मरने वालों में से एक की बिसरा रिपोर्ट भी आ गई है। मौत (Death) मिथाइल अल्कोहल की वजह से हुई है। दूसरी ओर शक के दायरे में आए मंडी (Mandi) के गलू स्थित शराब के बॉटलिंग प्लांट का राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग ने 31 मार्च तक लाइसेंस (License) निलंबित कर दिया है। प्रारंभिक जांच में कोताही पाए जाने पर बाटलिंग प्लांट की इंचार्ज एवं सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है। आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी युनूस खान (Commissioner State Tax and Excise Yunus Khan) ने इसकी पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि 18 जनवरी को बाटलिंग प्लांट (Bottling Plant) की जांच शुरू की गई। इस दौरान सामने आया कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले स्प्रिट के रिकॉर्ड में लगभग 11000 लीटर स्प्रिट गायब है। शराब में इस्तेमाल होने वाला ब्लेंड भी 7000 लीटर ज्यादा पाया गया। बॉटलिंग प्लांट के कर्मी इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दे पाए कि स्प्रिट का इस्तेमाल कहां किया गया है। स्प्रिट की एंट्री प्लांट के रिकॉर्ड में दर्ज है, लेकिन खपत के बारे में रिकॉर्ड नहीं रखा गया जो नियमों (Rules)के विपरीत है। उधर, पुलिस ने मामले में धारा 420 भी जोड़ दी है।
सुंदरनगर में जहरीली शराब पीने से हुई सात लोगों की मौत के बाद सरकार रीलिफ मैनुअल (Relief Manual) में भी बदलाव करने जा रही है। सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिसमें दोषियों की सीज संपत्ति से ही मुआवजा दिया जाएगा। फिलहाल जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों के लिए किसी तरह की राहत राशि का प्रावधान नहीं है।
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