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अधिकमास में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए क्या करें, पढ़े
Last Updated on July 19, 2023 by sintu kumar
हिंदू धर्म का विशेष महीना अधिकमास शुरू हो चुका है। इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। 19 वर्षों बाद खास संयोग से यह सावन के महीने में ही शुरू हो गया है। अधिकमास की अवधि में किसी भी तरह के शुभ कार्यों की मनाही होती है, साथ ही इस माह में दान पुण्य का कार्य किया जाना चाहिए। 18 जुलाई से अधिकमास शुरू हो रहा है, और इसका समापन 16 अगस्त को होगा।इस माह में कोई भी सूर्य संबंधी संक्रांति नहीं पड़ती क्योंकि यह पूर्णतः चंद्रमास होता है। जानते हैं भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए अधिकमास में क्या करना चाहिए?
अधिकमास की अवधि दान-पुण्य और धर्म कर्म के कार्यों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस महीने में भागवत का पाठ करा सकते हैं। साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम, गीता और रामायण का पाठ भी शुभ होता है।
इस माह में दीपदान का भी विशेष महत्व होता है। साथ ही अन्न और वस्त्र का दान भी करें। मंदिर में जाकर ध्वजा का दान भी दे सकते हैं। इस पवित्र महीने में गरीबों और ज़रुरतमंदों को भोजन ज़रूर कराएं।
अधिकमास की अवधि में वृक्ष भी लगाने चाहिए। अधिकमास में गेहूं, जौ, तिल, केला, दूध, जीरा, सेंधा नमक, मेथी, बथुआ, ककड़ी, पान सुपारी, कटहल, चावल आदि का सेवन करना चाहिए। इस महीने में रोज़ाना किये जाने वाले धार्मिक रिवाज़ और पूजन के कार्य किये जा सकते हैं। विशेष रूप से भगवान विष्णु की अराधना ज़रूर करें।
अब जानते है कि अधिकमास में क्या नहीं करना चाहिए…
इस एक महीने की अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य ना करें। विवाह जैसा मंगलमय कार्य इस अवधि में करने की मनाही है। इसके साथ ही पुरुषोत्तम माह में नामकरण संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश पूजा, तिलक, संन्यास, दीक्षा ग्रहण जैसे शुभ संस्कारों को भी नहीं करना चाहिए।
अधिकमास में तामसिक भोजन का सेवन बिलकुल भी ना करें। इसके साथ ही उड़द दाल, मसूर दाल, प्याज-लहसुन, बासी अन्न, शहद, मूली आदि के सेवन से भी बचें। ऐसा करने से शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में घर, गाड़ी, सोने-चांदी के आभूषण जैसी बड़ी खरीददारी करने से भी बचना चाहिए। इसके साथ ही किसी गरीब, निर्धन या अपने से कम शक्तिशाली व्यक्ति की उपेक्षा करने से भी बचना चाहिए।