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देवो के देव महादेव की पूजा के लिए शिवरात्रि पर्व को सर्वोत्तम माना गया है। महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 18 फरवरी को पड़ रहा है। भगवान शिव सपसे जल्द प्रसन्न होने वाले देवता है। शिवजी मात्र एक लोटा जल और सच्ची भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। इसी कारण इन्हें भोले नाथ कहा जाता है। शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। मान्यता है कि इस विशेष दिन जो सच्ची श्रद्धा और मन से उनकी आराधना करते हैं उनके सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। इस वर्ष शिवरात्र पर विशेष तिथि का योग बन रहा हैं । ऐसे में इस दिन की गई पूजा का अधिक महत्व होगा। शिवरात्रि में पूजा-पाठ के अलावा भी कुछ उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से आप के कष्ट दूर हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की पूजा करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें जल अर्पित करने से पहले उसमें काले तिल मिला लें। तिल मिलाते समय शिव मंत्रों का जाप भी करें। ऐसा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं। शिवरात्रि के दिन पूजा करते वक्त अधिकतर लोग शिवलिंग पर चंपा या केतकी का फूल अर्पित करे देते हैं, हालांकि, ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है। कोशिश करें कि इस दिन भगवान शिव पर कनेर, गेंदा, गुलाब, आक आदि के फूल चढ़ाएं। इसके अलावा बेलपत्र, धतूरा और शहद भी अर्पित करें।
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पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना अत्यंत आवश्यक और शुभ भी माना जाता है। इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके अलावा ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप भी शुभ होता है।
महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का भी विशेष महत्व है। यदि संभव हो तो इस दिन दही से रुद्राभिषेक करें। ऐसा करने से धन-धान्य का लाभ होता है और जीवन में तरक्की मिलती है।
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इस दिन भगवान शनि की भी उपासना करना शुभ साबित होगा। इसके अलावा शिव चालीसा व शनि चालीसा का भी पाठ करें। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
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