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एक विवाह ऐसा भी : ना बाराती ना ढोल-नगाड़े, सिर्फ 17 मिनट में हो गई #शादी
बागेश्वर। आपने देखा ही होगा कि लोग शादियों (Marriage) में कितना खर्चा करते हैं। कई लोगों के पास तो पैसा होता है लेकिन कुछ लोग हैसियत से भी ज्यादा खर्चा कर देते हैं। इन सब के बीच उत्तराखंड के बागेश्वर (Bageshwar) में एक ऐसा विवाह हुआ तो लोगों के लिए मिसाल बन गया है। इसकी खास बात यह रही कि इस शादी में ना तो बारात निकली, ना ढोल, ना बैंड, ना डीजे और ना ही बाराती शामिल हुए, सिर्फ 17 मिनट में विवाह संपन्न हो गया। इस अनोखे विवाह में कोरोना की गाइड लाइन का भी पालन किया गया। विवाह की रस्म के दौरान दूल्हा-दुल्हन के साथ ही सभी लोग मास्क पहने हुए थे।
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जारती (कपकोट) गांव में कबीरपंथी विधि से हुई इस शादी की सब तरफ चर्चा है। भगवत मुक्ति कबीर परमेश्वर ट्रस्ट ने यह शादी संपन्न कराई। अल्मोड़ा (Almora) के सल्ट निवासी महेंद्र सुंदरियाल के पुत्र पंकज और जारती गांव के हीरा सिंह की पुत्री निर्मला ने रविवार को एक-दूसरे को जीवन साथी चुन लिया। यह दोनों परिवार कबीरपंथी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी हैं। दोनों परिवारों ने कबीरपंथी विधि से विवाह करने का निर्णय लिया था। सल्ट से दूल्हा पक्ष के 15 लोग सादगी से जारती गांव पहुंचे। विवाह की रस्म के दौरान संत रामपाल जी महाराज की मूर्ति के समक्ष गुरुवाणी का पाठ किया गया।
पंकज और निर्मला परमेश्वर कबीर साहेब और गुरु प्रतिमा को साक्षी मानकर विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। समाज के सामने एक मिसाल पेश करने वाले इस विवाह में एक रुपये के भी दहेज का लेन-देन नहीं हुआ। दूल्हा-दुल्हन ने सादे कपड़ों में विवाह की रस्म निभाई। दूल्हा पंकज भारतीय स्टेट बैंक की सल्ट शाखा में कार्यरत है, वहीं दुल्हन निर्मला ग्राम्या बागेश्वर में कार्यरत है। जारती निवासी भूपेंद्र सिंह मेहता का कहना है कि इस विवाह से समाज को सीख लेनी चाहिए और आडंबर से बचना चाहिए।