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नोटबंदी में बंद हुए 500-1000 के पुराने नोट बदलने का क्या मिल रहा है एक और मौका? जाने सच्चाई
Last Updated on April 9, 2021 by
इंटरनेट के इस युग में बहुत सारी सूचनाएं भ्रमित करने वाली भी सामने आती रहती हैं। इन दिनों एक सूचना बार-बार सामने आ रही है कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए 500-1000 के पुराने नोट बदलवाने (Exchange of Old Notes) की समय सीमा बढ़ा दी गई है। इसमें ये भी कहा जा रहा है कि ये सुविधा विदेशी पर्यटकों जैसे लोगों के लिए है। इस तरह की सूचना आरबीआई के लेटरहेड प्रारूप पर बाकायदा टाइप की हुई है। हालांकि,नोटबंदी को हुए चार साल बीत चुके हैं।
A #FAKE order issued in the name of @RBI claims that the exchange facility for Indian demonetized currency notes for foreign citizens has been further extended. #PIBFactCheck
The exchange facility for Indian demonetized currency notes for foreign citizens ended in 2017. pic.twitter.com/kSCCIJCDNR
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 6, 2021
सोशल मीडिया पर वायरल (Viral) हो रही इस सूचना में लिखा गया है कि वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी (Demonetisation) के दौरान बंद हुई करेंसी नोटों को बदलने का सरकार की ओर से एक और मौका दिया जा रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि नोटबंदी में बंद हुए पुराने नोटों को बदलवाने की समयसीमा बढा दी गई है। ये सुविधा (Foreign Tourists) विदेशी पर्यटकों के लिए है।
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वर्ष 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश को संबोधित करते हुए नोटबंदी की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किए जाने की बात कही थी। इसके बाद लोगों को पुराने नोट बदलने का मौका दिया गया था। इस समय सीमा को खत्म हुए लंबा वक्त बीत चुका है। अब एक सूचना जो वायरल हो रही है,उससे लोगों में भ्रम पैदा हो गया है। लेकिन आरबीआई (RBI) की वेबसाइट पर ऐसी कोई नोटिफिकेशन नहीं है, जिससे ये पता चल रहा हो कि सरकार ने पुराने नोट बदलवाने की समय सीमा बढ़ाई हो।
सरकार की सूचना एजेंसी पीआईबी (PIB) की एक फैक्ट चेक टीम (Fact Check Team)है, जो वायरल हो रही अफवाहों और फर्जी सूचनाओं की पड़ताल करती है। पीआईबी की टीम ने ट्वीट कर वायरल हो रही सूचना को फर्जी बताया है। यानी नोटबंदी में बंद हुए करेंसी नोटों को बदलने की समय सीमा नहीं बढ़ाई गई है। ये भी बताया गया है कि विदेशी पर्यटकों के लिए भारतीय नोटों को बदलने की समय सीमा वर्ष 2017 में ही खत्म हो चुकी है। इसी में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा लैटर फर्जी है।