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हफ्ते में चार दिन ही करना होगा काम, तीन दिन मिलेगी छुट्टी !
Last Updated on April 15, 2021 by
नई दिल्ली। नए श्रम कानूनों (New Labor Laws) के तहत कई नियम बदले गए हैं और ऐसा भी संभव है कि आने वाले समय में हफ्ते में चार दिन का और तीन दिन छुट्टी का प्रावधान हो जाए। श्रम मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार हफ्ते में चार कामकाजी दिन (Working Days) और उसके साथ तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प दे सकती है। सरकार नए लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल से लागू करना चाहती थी लेकिन राज्यों की तैयारी ना होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policies) बदलने के लिए अधिक समय देने के लिए इन्हें फिलहाल टाल दिया गया है।
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नए लेबर कोड में नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट भी सकता है।
ईपीएफ पर टैक्स लगाने को लेकर बजट (Budget) में हुए ऐलान पर श्रम सचिव का कहना है कि इसमें ढाई लाख रुपये से ज्यादा निवेश होने के लिए टैक्स सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा। कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा या उस पर कोई बोझ नहीं पडे़गा। इसके साथ ही छूट के लिए ईपीएफ और पीपीएफ (EPF and PPF) भी नहीं जोड़ा जा सकता। ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक 6 करोड़ में से सिर्फ एक लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का असर होगा। वहीं, न्यूनतम ईपीएफ पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया था। जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है।
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