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जयराम ठाकुर के कारण हारे रमेश धवाला, भीतरघात को भी ठहराया जिम्मेदार
Last Updated on December 11, 2022 by sintu kumar
देहरा। एक तरफ जहां हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बन गई है और आज नए सीएम ने शपथ भी ग्रहण कर ली। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी (BJP) ने अपनी हार के कारणों की समीक्षा (Review of Reasons for Defeat) करनी शुरू कर दी। सबसे बड़े जिला कांगड़ा (Kangra) के देहरा विधानसभा क्षेत्र में हार का स्वाद चखने वाले बीजेपी के रमेश धवाला ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और हार पर मंथन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सीधे-सीधे जयराम ठाकुर को धवाला की हार का दोषी बताया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि जयराम ठाकुर ने सीएम रहते देहरा में बीजेपी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने जिस विधायक की पैरवी की थी, वह आज कांग्रेस को समर्थन दे रहा है। देहरा के जलशक्ति विभाग के रेस्ट हाउस में चली लगभग 3 घंटे चली बीजेपी की बैठक (Meeting) में सभी ने अपने अपने विचार रखे। इस दौरान बैठक में यही निष्कर्ष निकला कि धवाला की हार का कारण अपनो का भीतरघात है। हालांकि इस बैठक में कई नेता नहीं पहुंचे थे।
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बैठक में रमेश धवाला (Ramesh Dhawala) ने कहा कि संगठन के चलते ही बीजेपी ने देहरा (Dehra) और ज्वालामुखी की सीट खोई है। इन दोनों सीटों के लिए सीधे सीधे संगठन ही जिम्मेदार है। धवाला ने कहा कि मेरा ज्वालामुखी में काडर वोट 20 हजार है। वहीं, कार्यकर्ता अपनी हार के लिए भितरघात को भी जिम्मेदार ठहराते रहे। बता दें कि विधानसभा चुनाव से मात्र 10 दिन पहले रमेश धवाला को ज्वालामुखी से देहरा भेज दिया था। जबकि देहरा से रविंद्र सिंह रवि (Ravindra Singh Ravi) को ज्वालामुखी (Jawalamukhi) भेज दिया। बीजेपी की यह दोनों सीटें हारने का एक सबसे बड़ा कारण यह भी है। धवाला ने कहा कि देहरा में लोगों से जान.पहचान ना होना हार की बड़ी वजह रही। यहां निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने लगातार दूसरी मर्तबा निर्दलीय चुनाव जीतकर इतिहास बना दिया। वहीं, देहरा में बीजेपी को दूसरी बार हार पर मंथन करने पर मजबूर कर दिया।
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