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नालागढ़। हिमाचल के सोलन (Solan) जिले के नालागढ़ (Nalagarh) में एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से भाई-बहन की मौत हो गई है। जबकि एक अन्य को गंभीर हालत में पीजीआई रेफर कर दिया गया है। घटना जोघों में प्रवासी परिवार के घर में सामने आई है। यहां प्रवासी महिला के दो बच्चों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि बच्चों को कुछ समय से बुखार था और उन्होंने यू ट्यूब (youtube) पर नुस्खा देखकर पपीते के पत्तों (Papaya leaves) का काढ़ा बनाकर पीया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के बदायूं के खजूरिया गांव की राम देवी पत्नी स्व. किशनपाल पिछले सात साल से जोघों में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रही थी। महिला की दो बेटियां और एक बेटा था। इनमें एक बेटी और एक बेटे की मौत हो गई, जबकि दूसरी बेटी पीजीआई (PGI) में भर्ती है। प्रवासी महिला के भतीजे ने बताया कि बच्चों को कुछ समय से बुखार था और उन्होंने यू ट्यूब पर इसके इलाज के लिए पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने का नुस्खा देखा था।
इसके बाद बच्चे भी पपीते के पत्ते लाए और कूटकर काढ़ा बनाकर पी लिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। तीनों को नालागढ़ अस्पताल (Nalagarh Hospital) लाया जा रहा था कि शिवानी (10) की रास्ते में मौत हो गई। उसके भाई सचिन (18) और बहन खुशबू (14) को बेहोशी की हालत में पीजीआई रेफर कर दिया गया। पीजीआई में सचिन की भी मौत हो गईए जबकि खुशबू की हालत नाजुक बनी हुई है। फरवरी में महिला के पति किशनपाल की शुगर की बीमारी से मौत हो गई थी। शिवानी का अंतिम संस्कार जोघों में कर दिया गया, जबकि बेटे का शव पीजीआई से लाकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। वहीं, बीएमओ नालागढ़ केडी जस्सल ने बताया कि पपीते के पत्तों का काढ़ा पीने से मौत नहीं हो सकती। औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते पपीते के पत्तों पर जहरीले केमिकल हो सकते हैं। बिना धोए पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से तबीयत बिगड़ सकती है।
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