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नया नियम: #Road_Accident में गई जान तो परिजनों को घर बैठे मिलेगा 5 लाख मुआवजा; जानें
Last Updated on September 26, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत में हर साल लाखों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। इस हादसे का असर जहां मृतक के परिवार पर पड़ता है। वहीं, उनके परिजनों की आर्थिक स्थित पर भी चोट पहुंचती है। लेकिन अब सरकार जल्द ही एक ऐसे नियम का ऐलान करने वाली है, जिसकी मदद से मृतकों के परिजनों को बगैर अदालत के चक्कर काटे पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि बतौर मुआवजा मिल सकेगी।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) में सड़क हादसे में मृत्यु होने पर बीमा कंपनी तीन माह के भीतर पीड़ित परिवार को घर जाकर पांच लाख का चेक देगी। इसके साथ ही साथ सरकार उच्च वर्ग पीड़ित परिवारों के लिए भी न्यूनतम मुआवजा राशि भी तय करेगी। बता दें कि इस नियम का प्रावधान मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2020 (Motor Vehicle Amendment Bill 2020) में किया गया है। बताया जा रहा है कि सरकार आगामी नवंबर में इसके बाबत अधिसूचना जारी कर सकती है।
मंत्रालय द्वारा तैयार किया जा चुका है मसौदा
सरकार अब केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) 1989 के तहत नियम लागू करेगी। इसको लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सरकारी व निजी बीमा कंपनियों और हितधारों के साथ बैठक कर मसौदा अधिसूचना तैयार कर चुका है। इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि कानून मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद नवंबर के प्रथम सप्ताह में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस संबंधी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो वर्तमान में मध्य वर्ग व निम्न मध्य वर्ग के 70 फीसदी पीड़ितों को 2.5 से 3 लाख रुपए मिलते हैं।
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इसके लिए परिवार को सालों तक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) में चक्कर काटने पड़ते हैं। अब मुआवजा राशि बगैर किसी देरी के बीमा कंपनी को तय समय में देनी होगी। हालांकि, एक बार मुआवजा लेने के बाद पीड़ित परिवार एमएसीटी के केस दाखिल नहीं कर सकेंगे। उच्च वर्ग के पीड़ित परिवारों के पास कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद रहेगा। बस-कार ऑपरेशन कंफेडरेशन ऑफ इंडिया एवं सीएमवीआर समिति (बीमा) के अध्यक्ष गुरमीत तनेजा ने बताया कि कोरोना के कारण नए नियम लागू होने में देरी हुई है, अन्यथा यह अधिसूचना अक्तूबर में लागू होनी थी।