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ये देश चांद तक चलाएगा बुलेट ट्रेन- वहां पर कॉलोनी भी बसाएगा, पढ़े पूरा प्लान
Last Updated on July 17, 2022 by Neha Raina
पहले इंसान चांद (Moon)पर पहुंचा। फिर वहां के रहस्यों के बारे में जानने की भरपूर कोशिश की। उसके बाद चांद पर जमीन खरीदने (Purchase Land on moon) की होड़ मची। इसके बाद मंगल ग्रह पर जीवन होने की आशंकाएं जताई जाने लगीं। अब इंसान है तो उसके साथ इच्छाएं भी हैं। इन्हीं इच्छाओं से वशीभूत होकर इंसान कुछ ऐसा भी सोच लेता है जो असंभव हो। ऐसा नहीं है कि वह सफल नहीं होता है। वह इसी इच्छाशक्ति के माध्यम से सफल भी होता है। अगर ऐसा होता तो पृथ्वी पर कभी गाड़ियां नहीं दौड़तीं, घर-घर में बिजली ना होती, समुद्र में जहाज न तैरते और आसमान को हवाई जहाज ना चीरते। यह सब सोच और मेहनत का ही नतीजा है कि आज में कम्पलीट तकनीकी युग में जी रहे हैं। यानी कि अब घर का खाना भी रोबोट (Robot)ही बना रहे हैं। अब इंसान चांद तक बुलेट ट्रेन चलाने की सोच रहा है। इससे मंगल ग्रह का रास्ता भी आसान हो जाएगा। जी हां जापान टेक्नोलॉजी (Technology) में बहुत एडवांस है और चांद तक बुलेट ट्रेन चलाने के बारे में भी सोच रहा है। सोच ही नहीं रहा बल्कि जापान ने इस योजना पर काम करना भी शुरू कर दिया है। जापान धरती से चांद तक बुलेट ट्रेन चलाएगा। वहां रहने के लिए कैप्सूल का भी निर्माण होगा।
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दुनिया के तमाम साइंटिस्ट (Scientist)हर रोज कुछ ऐसा नया सोचते हैं जो सबसे अलग हट कर हो। जापान ने भी इसी दिशा में सोचा है। ऐसे में जापान ( Japan)अगर अपनी निश्चित योजना में कामयाब होता है तो लोगों का चांद पर जाने का सपना पूरा हो जाएगा। इससे इंसान का एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर जाने का सपना साकार हो जाएगा। यदि योजना में जापान को कामयाबी मिलती है तो इसके बाद मंगल ग्रह तक भी ट्रेन चलाने की योजना है। इतना ही नहीं वहां उतरने और रहने के लिए एक कैप्सूल हैबिटेट का निर्माण बनाने का खाका भी तैयार हो चुका है।
जापान वहां रुकने के लिए एक ऐसे हैबिटेट का निर्माण करेगा जो वातावरण के लिए अनुकूल हो। यानी कि जहां इंसान खुलकर सांस ले सके। इसको वायुमंडल की अनुकूलता के अनुसार ही बनाया जाएगा। वहां हॉलीवुड (Hollywood movie) की फिल्मों की तरह कॉलोनी बसाने का प्लान है। इस जगह को ग्लास का नाम दिया जाएगा। उक्त कॉलोनी चंद्र और मंगल ग्रह पर बनाई जाएगी। इसकी यह विशेषता है कि यदि आप कॉलोनी के अंदर होंगे तो आपको स्पेस सूट पहनने की जरूरत नहीं होगी और यदि आप इस कॉलोनी के बाहर होंगे तो आपको स्पेस सूट पहनना ही होगा।
इसके लिए यह योजना क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा इंस्ट्रक्शन ने मिल कर बनाई है। चांद और मंगल पर बनाया जाने वाला ग्लास एक कोन जैसा होगा। इसके लिए 1300 फीट लंबी इमारत बनाई जाएगी। इसके लिए आर्टिफिशिली ग्रेविटी तैयार की जाएगी। यहां पर सारी जरूरी चीजों की व्यवस्था की जाएगी। यहां पर खाने-पीने की चीजों के साथ पेड़-पौधे, पार्क, पानी, नदियों, पार्क आदि का निर्माण किया जाएगा। हालांकि इस योजना पर गहनता से काम करना होगा। अतः इसे अमलीजामा पहनाने के लिए वक्त लग सकता है। माना जा रहा है कि योजना पर काम किया गया और सफलता हासिल हुई तो 2050 तक इसका प्रोटोटाइप बन कर तैयार हो जाएगा।