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Himachal का वो Mandir यहां शिव ने स्वयं को लिंग के रूप में किया था प्रकट-देखें वीडियो
Kathgarh Mahdev Temple: इंदौरा। महाशिवरात्रि के पावन अवसर से पहले ही हिमाचल के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के काठगढ़ महादेव (Kathgarh Mahdev) मंदिर में भक्ति और श्रद्धा का माहौल चरम पर पहुंच चुका है। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां आकर भगवान शिव के दर्शन कर रहे हैं। शिवपुराण के अनुसार, एक बार भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के बीच घोर युद्ध छिड़ गया। जब महाप्रलय के आसार नजर आए, तब भगवान शिव (Lord Shiva)ने स्वयं को लिंग रूप में प्रकट किया और युद्ध रोक दिया।
गांव पहले एक बड़ा कस्बा था
मान्यता है कि जिस स्थान पर उन्होंने यह दिव्य रूप धारण किया, वही स्थान काठगढ़ महादेव (Kathgarh Mahdev)के रूप में विख्यात हुआ। यह मंदिर वैदिक काल से पूजित रहा है लेकिन इसका पुनर्निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने करवाया था। लोक कथाओं के अनुसार यह गांव पहले एक बड़ा कस्बा था, जहां न्यायिक फैसले लिए जाते थे। अपराधियों को काठ-लकड़ी की बेड़ियों में बांधा जाता था, जिसके कारण इस स्थान का नाम काठगढ़ पड़ा।
शिवलिंग की ऊंचाई 5.5 फीट
एक अन्य जनश्रुति के अनुसार, इस स्थान पर पहले गुर्जर समुदाय के लोग रहा करते थे। वे अपने दूध के मटके एक विशेष चट्टान पर रखते थे, जो धीरे-धीरे ऊपर उठने लगती थी। तब भैरव जी की कृपा से इसे छोटा कर दिया जाता था, लेकिन यह फिर बढ़ जाती। जब यह बात तत्कालीन राजा को पता चली, तो उन्होंने इस रहस्यमयी चट्टान की खुदाई करवाई और विद्वानों से परामर्श लिया। विद्वानों ने श्रावण मास में शिव पूजन( shiv pujan) का सुझाव दिया, जिसके बाद यहां शिव-पार्वती की प्रतिमा प्रकट हुई। इस स्वयंभू शिवलिंग की ऊंचाई 5.5 फीट है और इसके पास ही 2 इंच की दूरी पर एक छोटा पत्थर स्थित है, जिसे माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि हर वर्ष 15 जनवरी तक शिवलिंग और पार्वती शिला के बीच की दूरी कम हो जाती है और फिर धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।
-रविन्द्र चौधरी