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सिंघा बोले-धारा 144 लागू करना कैबिनेट का अधिकार नहीं, अनपढ़ों जैसे ना लें फैसले
Last Updated on May 5, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल (Himachal) में धारा-144 लागू करने के कैबिनेट के फैसले पर माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने बड़ा हमला बोला है। यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि धारा 144 क्रिमिनल प्रोसीजर कोर्ट का है। यह कैबिनेट का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का मतलब मंत्रिमंडल और उच्चतम स्तर के ऑफिसर की मदद के आधार पर कैबिनेट (Cabinet) चलती है। एक ऐसा फैसला लेगा कैबिनेट जो कैबिनेट का अधिकार नहीं है। धारा 144 मजिस्ट्रेट लागू करता है। इसलिए ऐसा कोई फैसला मत लो यह दर्शाया जाए कि कैबिनेट अनपढ़ों का है। ऐसा संदेश में जनता में नहीं जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, लेकिन ऐसी बातें उसमें नहीं रखी गई। हालांकि, निर्णय सरकार लेती है। बैठक में अपने राय दी की डब्ल्यूएचओ (WHO) की गाइडलाइन को सख्ती से अमल करो। जिस कंटेनमेंट जोन में दस फीसदी पॉजिटिव मामले आ जाए या 60 फीसदी बेड क्षमता पूरी हो जाए, वहां पर सख्ती करनी है। आप जिम्मेदारी आपको कार्य करना है उन कार्यों को नहीं कर रहे हैं। इस तरह की काल्पिनिक बातें कर रहे हैं। जब इस तरह की बातें करोगे सही संकेत नहीं होंगे। आज आप फैसला लेते हैं और कल बदल देते हैं। यह अच्छे संकेत अच्छी सरकार ने नहीं होते हैं।
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उन्होंने कहा कि कर्फ्यू (Curfew) या लॉकडाउन लगाने से पहले प्रभावित लोगों को स्पोटर सिस्टम देना होगा। लॉकडाउन (Lockdown) के कारण जो रोजगार से वंचित होंगे उन्हें मदद करनी होगी। मदद चाहे राशन के रूप में हो या फिर खातों में पैसा डाला जाए। उन्होंने कहा कि इंसान जिंदा रहने के लिए कोई भी कार्य करने के लिए तैयार हो जाता है। वह लॉकडाउन की परवाह भी नहीं करता है। हालात उसे मजबूर करते हैं। ऐसे में सरकार को प्रभावित लोगों की तरफ ध्यान देना होगा। साथ ही फ्रंट लाइन वारियर्स चाहे वह मेडिकल ऑफिसर हो, वार्ड ब्वॉय, नर्सें हों या फिर एमबीबीएस व नर्सिंग के छात्र उन्हें अतिरिक्त मदद मिलनी चाहिए।