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Kangra: फ्रंट लाइन वॉरियर्स पर कोरोना कर्फ्यू की मार, भूखे रहने की आई नौबत
कांगड़ा। हिमाचल (Himachal) में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते लगाए कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) की मार फ्रंट लाइन वॉरियर्स पर पड़ती दिख रही है। टिफिन (Tiffin) व फूड होम डिलीवरी और कर्फ्यू के चलते ढाबे आदि बंद होने से डॉक्टरों (Doctors), स्टाफ नर्सों, प्रशिक्षु डॉक्टरों व नर्सों सहित अन्य स्टाफ की भूखे रहने तक की नौबत आ गई है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान लगाई गई पाबंदियों के दौरान टिफिन व फूड होम डिलीवरी भी पूर्णतया बंद हो गई है। टिफिन व फूड होम डिलीवरी (Food Home Delivery) ना होने के कारण डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल टांडा में भी प्रशिक्षु डॉक्टरों व नर्सों सहित अन्य क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा टिफिन व फूड होम डिलीवरी पर निर्भर कांगड़ा व आसपास के क्षेत्रों में रह रहे सैकड़ों छात्र-छात्राओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। यही नहीं कोरोना कर्फ्यू के चलते सिविल अस्पताल कांगड़ा में कोविड सैंपलिंग और वैक्सीनेशन में लगे स्टाफ को भी लंच के लाले पड़ गए हैं। कोरोना कर्फ्यू के चलते ढाबे आदि बंद होने से डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों (Staff Nurses) सहित अन्य स्टाफ को परेशानी उठानी पड़ रही है। अब स्टाफ की दि्क्कत को देखते हुए कोविड मरीजों को खाना पहुंचाने वाली एक संस्था ने लंच मुहैया करवाने का बीड़ा उठाया है।
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बता दें कि सरकार द्वारा फूड होम डिलीवरी पर पाबंदी तो लगा दी गई, परंतु कोरियर सर्विस (Courier Service) पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। प्रशासन का तर्क है कि फूड होम डिलीवरी के कारण कुछ लोग संक्रिमत हुए हैं, परंतु कोरियर सर्विस के देने से संक्रमित होने की संभावना पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा। फूड होम डिलीवरी ना होने के कारण उन लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा जोकि बैंकिंग, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और टिफिन व फूड होम डिलीवरी पर ही निर्भर थे। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान निफ्ट कांगड़ा (National Institute of Fashion Technology NIFT Kangra) में सैकड़ों अंतिम वर्ष के विद्यार्थी अधिकतर किराए के कमरों में बाहर रह रहे हैं और अधिकतर विद्यार्थी टिफिन व फूड होम डिलीवरी पर ही निर्भर हैं। बताया जा रहा है कुछ विद्यार्थियों ने फूड होम डिलीवरी व टिफिन ना मिलने के कारण स्थानीय प्रशासन को भी बताया परंतु प्रशासन ने भी उन्हें 1 सप्ताह तक धैर्य रखने की सांत्वना देकर अपना पल्लू झाड़ लिया।
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निफ्ट कांगड़ा के विद्यार्थियों का कहना है कि पिछले कुछ माह से कांगड़ा में अपनी अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं और किराए के मकान में रह रहे हैं। टिफिन व फूड होम डिलीवरी से ही वह अपनी भूख मिटा रहे हैं, परंतु कोरोना कर्फ्यू के कारण प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण व टिफिन सर्विस व फूड होम डिलीवरी भी अब बंद हो गई है। उन्होंने बताया जिन लोगों से उन्होंने टिफिन लगवाए थे वह भी अब टिफिन देने से इंकार कर रहे हैं और ऐसे में वह सुबह से ही मात्र दूध फल फ्रूट से ही अपना गुजारा कर रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि प्रशासन व सरकार को विद्यार्थियों के हित को देखते हुए फूड होम डिलीवरी जैसी व्यवस्थाएं प्रशासन को बंद नहीं करनी चाहिए थीं।
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निफ्ट की एक छात्रा का कहना है कि वह दिल्ली की रहने वाली है और दिल्ली (Delhi) में इस समय संक्रमण की दर काफी ज्यादा है परंतु इसके बावजूद भी दिल्ली जैसे शहरों में टिफिन व होम फूड डिलीवरी प्रदेश सरकार ने पाबंदी नहीं लगाई, जबकि हिमाचल जैसे छोटे राज्य में संक्रमण इतना ना होने के कारण भी फूड होम डिलीवरी जैसी सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई। वहीं, सिविल अस्पताल कांगड़ा (Civil Hospital Kangra) के एक चिकित्सक ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के चलते उन्हें लंच की दिक्कत हो गई है। ऐसे में कोविड मरीजों को खाना मुहैया करवाने वाली संस्था से संपर्क किया है। उन्होंने कल से लंच मुहैया करवाने की हामी भरी है।
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