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दीक्षांत समारोह में बोले राष्ट्रपति: तिरंगे के लिए जान देने वाले बलिदानियों की धरती है हिमाचल
Last Updated on June 11, 2022 by Vishal Rana
धर्मशाला। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शुक्रवार शाम धर्मशाला (Dharamshala) में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh Central University) के सभागार में आयोजित छठे दीक्षांत समारोह मे पहुंचे। इस दौरान गरिमापूर्ण समारोह में दस मेधावी छात्रों को उन्होंने स्वर्ण पदक (Gold Medals) प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस दीक्षांत समारोह (Convocation) के अवसर पर सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आज के पदक विजेताओं में बेटियों की संख्या बेटों की तुलना में दोगुनी है। समान अवसर मिलने पर हमारी बेटियों की उपलब्धियां बेटों की तुलना में कहीं अधिक होती हैं। इस तथ्य में हमारे देश व समाज के विकसित स्वरूप की झलक भी दिखाई देती है।
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वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने (President Ram Nath Kovind) हिमाचल की धरती को वीरों की धरती बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की यह धरती तिरंगे के लिए जान न्योछावर कर देने वाले बलिदानियों की धरती है। धर्म अर्थात कर्तव्य का स्थान धर्मशाला, शक्तिपीठों तथा आध्यात्मिक केन्द्रों की भी स्थली है। इस पावन भूमि को मैं नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी किए गए एसडीजी इंडेक्स 2020-21 के अनुसार, उच्चतर माध्यमिक स्तर पर जीईआर की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का देश में सर्वोच्च स्थान है और क्वालिटी एजुकेशन के मानक पर प्रदेश का भारत में दूसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि मुझे भारत की शिक्षित, अनुशासित एवं संकल्पशील युवा-शक्ति के विवेक पर पूरा भरोसा है।
इस अवसर पर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने स्वर्ण पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि छात्र जीवन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है, जो हमारे व्यक्तित्व के समग्र विकास और हमारी रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है। हिमाचल प्रदेश ने एक छोटा राज्य होने के बावजूद भी शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े राज्यों को रास्ता दिखाया है और जिसका श्रेय इस पहाड़ी राज्य के शिक्षकों को जाता है। जय राम ठाकुर ने कहा कि शिक्षकों और छात्रों की सुविधा के लिए शीघ्र ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का अपना परिसर होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय का ध्येय स्वरोजगार और नवीन शिक्षा प्रदान करना रहा है, जिसके परिणामस्वरूप 400 से अधिक छात्र पदक और डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि इन वर्षों में विश्वविद्यालय ने प्रगति की है। उन्होंने कहा कि ज्ञान व्यवहारिक होना चाहिए, इससे जिम्मेदारी की भावना आती है, जो समाज में ज्ञान और एकता का मार्ग प्रशस्त करती है और एक मजबूत और श्रेष्ठ राष्ट्र के लिए राष्ट्रीयता की भावना जागृत करती है।
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