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Himachal : रद्द किया मेडिकल कालेज में वार्ड बॉय के लिए जारी किया टेंडर, आशंका पर लगी मुहर
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला के लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक में आउटसोर्स माध्यम से वार्ड बॉय के 100 पदों को भरने के लिए जारी किया गया टेंडर रद्द कर दिया गया है। 7 फर्मों की पात्रता होने के बाद भी टेंडर को रद्द करने को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के मिली जानकारी के तहत हमने यह पहले ही बता दिया था कि चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए इस टेंडर को रद्द करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस बात पर अब श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज प्रबंधन ने मुहर भी लगा दी है। जिन चहेतों को यह टेंडर देने के लिए तरह.तरह की शर्तें लगाई गई थीए उन चहेतों के साथ अन्य फर्मों ने भी उसे पूरा कर दिया। ऐसे में कालेज प्रबंधन के समक्ष यह समस्या खड़ी हो गई कि टेंडर को कैसे जारी किया जाए। क्योंकि चहेतों के अलावा दूसरी फर्मों ने काफी कम रेट भरे थे और टेंडर दूसरों को मिलना तय था। इसके बाद कालेज प्रबंधन ने इसे रद्द करने पर ही अपनी सहमति जताई और इसे अधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया गया है।
अब सरकार के नए नियमों के तहत होगा टेंडर
श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक के ज्वाईंट डायरेक्टर देवी चंद ने टेंडर रद्द करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जो सात फर्में पात्र पाई गई थी उनमें दो गुट बन गए थे और दोनों एक-दूसरे का विरोध कर रहे थे। ऐसे में दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ लिखित में शिकायतें दी थी। इसी आधार पर आज इस संदर्भ में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर इसे रद्द कर दिया गया है। सरकार ने टेंडर को लेकर नए नियम बनाए हैं। अब इस टेंडर को नए नियमों तहत फिर से जारी किया जाएगा। पहले भी यह मामला कोर्ट में गया था और इसलिए इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
नेरचौक मेडिकल कालेज के वॉर्ड बॉय के टेंडर पर विवाद, चहेतों को लाभ देने के आरोप
बता दें कि श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक में वॉर्ड बॉय के टेंडर को लेकर विवाद पैदा होता हुआ नजर आ रहा है। दो महीने बीत जाने और 7 कंपनियों की पात्रता पाए जाने के बाद भी कालेज प्रबंधन इसका फायनेंशियल टेंडर जारी नहीं कर पा रहा है। सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए यह टेंडर लगातार लटकाया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज नेरचौक में 100 से ज्यादा वॉर्ड बॉय आउटसोर्स के तहत रखे जाने हैं। इसके लिए पहले कालेज प्रबंधन ने ऐसी शर्तें लगा दी ताकि चहेतों को लाभ पहुंचाया जा सके। लेकिन बाद में 7 ऐसी फर्में सामने आ गई जो इसके लिए पूरी तरह से पात्र पाई गई। इस कारण चहेतों को लाभ पहुंचाना संभव होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
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अब यदि इसका फायनेंशियल टेंडर जारी कर दिया जाता है तो जिसने सबसे कम रेट भरा होगा उसे टेंडर मिल जाएगा और बाकी बाहर हो जाएंगे। ऐसे में अब कालेज प्रबंधन इस टेंडर को रद्द करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ताकि दोबारा से टेंडर जारी किया जाए और उसमें ऐसी टर्म एंड कंडीशन डाली जाएं, कि व्यक्ति विशेष को इसका लाभ मिल सके। सवाल यहां पर यह भी उठ रहा है कि जब नियम और शर्तों को सभी कंपनियां पूरा कर रही हैं तो फिर प्रबंधन इसका फाईनल टेंडर क्यों नहीं जारी कर रहा है। जो पात्र नहीं थे वो पहले ही बाहर हो चुके हैं और जो पात्र बचे हैं उन्हीं में से किसी एक को टेंडर देना ही किसी भी टेंडर का नियम होता है।
इस बारे में जब श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के ज्वाइंट डायरेक्टर देवी चंद से बात की गई तो उन्होंने टेंडर में व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने माना कि 7 कंपनियां पात्र पाई गई हैं लेकिन कंपनियों में आपसी विवाद चल रहा है, जिसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। आज इस संदर्भ में बैठक करके कोई ना कोई निर्णय ले लिया जाएगा। वैसे भी यह मामला कोर्ट में गया था और कोर्ट ने पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं। प्रबंधन हर कार्य को पूरी पारदर्शिता के साथ करने में विश्वास रखता है।