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रामपाल के अनुयायियों ने बांटे हिंदू देवी-देवताओं के प्रति आपत्तिजनक पैंफलेट, भड़के लोग
ऊना। कई साल से जेल में बंद रामपाल के अनुयायियों द्वारा रविवार बाद दोपहर जिला मुख्यालय में आपत्तिजनक पैंफलेट बांटे जाने के बाद बखेड़ा खड़ा हो गया। इस पैंफलेट में हिंदू देवी देवताओं की प्रति आपत्तिजनक शब्द लिखे जाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भड़क उठे। गनीमत रही कि इस मामले को लेकर बीच सड़क किसी प्रकार का संघर्ष नहीं हुआ लेकिन हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इन सभी लोगों को सिटी चौकी पहुंचा दिया और वहां पुलिस को इनके खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत भी सौंपी। रामपाल के अनुयायियों द्वारा बांटे गए पैंफलेट में कुछ पंक्तियां ऐसी लिखी थी जिन पर हिंदू संगठनों ने कड़ा एतराज जताया।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता राकेश सूरज ने कहा कि रामपाल के अनुयायियों द्वारा बांटे जा रहे पैंफलेट में शेरावाली माता के पति कौन हैं और देवी-देवताओं का हमारे जन्म और मरण में क्या स्वार्थ है इस तरह के शब्द लिखे गए हैं। उन्होंने कहा कि जिस माता के पति के बारे में सवाल पूछा जा रहा है ,वह केवल एक नहीं बल्कि सनातन धर्म के करोड़ों अनुयायियों की मां है। किसी को कोई अधिकार नहीं है कि वह दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयत्न करें। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सिटी चौकी में शिकायत दी गई है और पुलिस से मांग की गई है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस प्रकार के आपत्तिजनक पत्र बांटने पर भी पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि केवल मात्र हिंदू धर्म को टारगेट किया जा रहा है जबकि किसी अन्य धर्म के बारे में इस पैंफलेट में एक भी शब्द नहीं लिखा गया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में ही हिंदू धर्म के प्रति इस प्रकार की भ्रांतियां फैलाने का काम किया जा रहा है यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उधर रामपाल के अनुयाई संजय कुमार ने कहा कि वह सनातन धर्म का ही प्रचार कर रहे हैं, केवल मात्र अपने धर्म की कुछ बातों को जनता के ध्यान में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन सवालों को लेकर यहां पर आपत्ति जताई जा रही है उनका जवाब भी हम देने को तैयार हैं यदि कोई चाहे तो इनका जवाब सनातन धर्म के ग्रंथों में भी खोजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कबीरपंथी रामपाल के अनुयाई किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा रहे हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केवल मात्र हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि मुस्लिम धर्म की कुरीतियों को भी इंगित किया जा रहा है, जिसमें मुसलमानों द्वारा बकरा काटने की रीत को गलत बताया गया है।
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