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आश्रय का पलटवार- टिकट ना मिलने का कारण हार है तो अगली बार कौल सिंह को भी ना दिया जाए
Last Updated on October 8, 2021 by saroj patrwal
मंडी। पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर द्वारा सुखराम परिवार के प्रति कही गई बातों को लेकर कांग्रेस पार्टी (Congress Party) में बवाल मचता हुआ नजर आ रहा है। कौल सिंह ठाकुर (Kaul Singh Thakur) के बयानों पर पूर्व में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा ने तीखा पलटवार किया है। वीडियो संदेश जारी करके आश्रय शर्मा ने कहा कि सीएम पद का जो सौभाग्य मंडी जिला को आज मिला है, वो वर्षों पहले मिल जाता यदि कौल सिंह ठाकुर ने उस वक्त पंडित सुखराम (Pandit Sukhram) का साथ दिया होता। सभी जानते हैं कि उस वक्त जिला की पीठ किसने धरती से लगाई थी। आश्रय ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने उनका टिकट पिछले चुनावों में मिली हार के चलते काटा है और अगर पार्टी ने यह मापदंड तय किया है तो फिर आगामी विधानसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर और उनकी बेटी चंपा ठाकुर को भी टिकट न दिया जाए, क्योंकि ये दोनों पिछले विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर चुके हैं।
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आश्रय शर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी किसी के पैर पकड़कर टिकट नहीं मांगा। आदर सम्मान के चलते वे सभी के पांव छूते हैं और उसमें कौल सिंह ठाकुर भी शामिल हैं। 2019 के चुनावों के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने खुद उन्हें पार्टी में आने के लिए कहा था। उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि पंडित सुखराम के साथ उनका राजनैतिक नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है। आश्रय शर्मा ने कहा कि जी 23 का जो ग्रुप बना है उसमें हिमाचल प्रदेश से सिर्फ कौल सिंह ठाकुर ही शामिल हैं। कौल सिंह ठाकुर ने भी उसमें अपने हस्ताक्षर किए हैं और ऐसा करने वाले कौल सिंह ठाकुर प्रदेश के इकलौते कांग्रेसी नेता हैं। कौल सिंह ठाकुर खुद सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ होकर पार्टी को तोड़ने की कोशिशें कर रहे हैं। उन्हें ऐसी हरकतों से बचना चाहिए और संगठन की मजबूती के लिए काम करना चाहिए।
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