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पितृ पक्ष में इन चीजों का ना करें सेवन, झेलना पड़ेगा भारी नुकसान
Last Updated on September 8, 2022 by Neha Raina
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को काफी अहम माना जाता है। अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और भाद्रपद की पूर्णिमा को पितृ पक्ष (Pitru Paksha) कहते हैं। पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को तर्पण कर याद करते हैं और साथ ही उनके नाम पर उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बता दें कि इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से लेकर 25 सितंबर तक चलेंगे। पितृ पक्ष के दौरान दिवंगत पूर्वजों के लिए श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। ध्यान रहे कि अगर किसी के पितृ उससे नाराज है तो उसका काम कभी भी सफल नहीं हो पाएगा। मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान गुजर चुके पूर्वज किसी ना किसी रूप में धरती पर आकर अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में भूलकर भी जमीन के अंदर उगने वाली मूली, आलू, अरबी जैसी सब्जियां नहीं रखनी चाहिए। इतना ही नहीं इन सब्जियों को पितरों को भी भोग नहीं लगाना चाहिए और ना ही ब्राह्मणों को इनका सेवन करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं और नाराज होकर वापस स्वर्गलोक लौट जाते हैं। इसके चलते आपको फिर सालभर परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि हिंदू धर्म में लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन माना गया है। धर्म शास्त्र में कहा गया है कि पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन के अलावा अंडा-मांस, शराब, सिगरेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान चने और मसूर की दाल का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
दरअसल, पितृपक्ष में पितरों को चने, चने की दाल और चने से बना सत्तू का अर्पण करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से पितर रुष्ट हो जाते हैं। वहीं, मसूर की दाल, चावल, गेंहू जैसे कच्चे अनाज का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस अनाज को हमेशा पका कर खाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।