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हिमाचल हाईकोर्ट ने आरोपी कोर्ट रीडर की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज
Last Updated on December 26, 2022 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने गाड़ियों के चालान से प्राप्त राशि को ट्रेजरी में जमा ना करवाने के मामले में नामित आरोपी कोर्ट रीडर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जनहित में अदालत (Court) के कामकाज को देखते हुए प्रार्थी को अंतरिम जमानत प्रदान करने योग्य यह मामला नहीं बनता। मामले के तथ्यों के अनुसार ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बंजार (Judicial Magistrate Banjar) जिला कुल्लू ने पुलिस स्टेशन बंजार को एक शिकायत देकर धोखाधड़ी का मामला (Fraud Case) दर्ज करने को कहा था।
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इस शिकायत के आधार पर प्रार्थी नारायण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467 और, 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। नारायण सिंह ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बंजार की अदालत मे बतौर रीडर कार्यरत है। 27 नवम्बर 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने के पश्चात मामले की जांच की गई। जांच में पाया गया कि प्रार्थी ने गाड़ियों के चालान(Vehicle challan) के रूप में वाले गए 1,61,750 रुपए ट्रेजरी में जमा ही नहीं करवाए। जांच अधिकारी का कहना था कि प्रार्थी ने जांच के दौरान अपना गुनाह कबूल कर लिया है और उक्त राशि भी जांच में पुलिस को सौंपी जिसे कब्जे में ले लिया गया है।
प्रार्थी का कहना था कि वह अपनी बेटी की शादी के कारण उक्त राशि ट्रेजरी में जमा नहीं करवा पाया। उसने कुल्लू और सोलन में अपनी 33 वर्षों की बेदाग सेवाओं का हवाला भी कोर्ट को दिया था। हाईकोर्ट ने कोर्ट जैसी पवित्र संस्था में सेवाएं देने के बावजूद प्रार्थी के आचरण को देखते हुए उसे अग्रिम जमानत देने से करने से इंकार कर दिया।