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‘आजादी का अमृत महोत्सव’ शुरू, PM Modi ने दांडी यात्रा को दिखाई हरी झंडी
अहमदाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज गुजरात के अहमदाबाद में आजादी के 75वें साल के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत सात जगह पर डिजिटल तरीके से प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया। मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद (Ahmedabad) में किया।
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PM Shri @narendramodi launches 'Azadi Ka Amrit Mahotsav' from Sabarmati Ashram in Gandhinagar, Gujarat. #AmritMahotsav https://t.co/6uHESfhmhJ
— BJP (@BJP4India) March 12, 2021
इससे पहले पीएम मोदी साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने दांडी यात्रा की वर्षगांठ पर यहां से दांडी यात्रा को हरी झंडी दिखाई। पीएम ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल का जिक्र किया और कहा कि इनके सपनों के भारत को बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। मोदी ने कहा कि देश में ऐसे कई संघर्ष हैं, जिनका नाम आज नहीं लिया जाता है लेकिन हर किसी का अपना महत्व रहा है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ‘पदयात्रा’ को झंडी दिखाकर रवाना किया। #AmritMahotsav pic.twitter.com/Kj3M8kz6rh
— Mann Ki Baat Updates मन की बात अपडेट्स (@mannkibaat) March 12, 2021
पीएम ने अपने संबोधन में कहा –
आज जब मैं सुबह दिल्ली से निकला तो, बहुत ही अद्भुत संयोग हुआ। अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद भी दिया।
आज आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ हो रहा है। अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा।
हम सभी का सौभाग्य है कि हम आजाद भारत के इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं। आज दांडी यात्रा यात्रा की वर्षगांठ पर हम बापू की इस कर्म स्थली पर इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे हैं।
मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मैं देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आप को आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में आदरपूर्वक नमन करता हूं।
Freedom Struggle,
Ideas at 75,
Achievements at 75,
Actions at 75,
और Resolves at 75
ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।
– पीएम @narendramodi #AmritMahotsav
— BJP (@BJP4India) March 12, 2021
किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है। फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है।
हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आँका गया। हमारे यहाँ नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी।
हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
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आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत।
आजादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत।
आजादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत।
आजादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत।#AmritMahotsav
— BJP (@BJP4India) March 12, 2021
1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है।
आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी।
देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए। याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुये भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया।
देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले 6 सालों से सजग प्रयास कर रहा है।
हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था।
मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का अवसर मिला था।#AmritMahotsav pic.twitter.com/UmLjJj1URQ
— BJP (@BJP4India) March 12, 2021
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श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी। 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था।
अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आजाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है। अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतंत्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है।
आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं।
यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है।
यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है।
– पीएम @narendramodi #AmritMahotsav pic.twitter.com/8y19tLUKAR
— BJP (@BJP4India) March 12, 2021
आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है।
कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है।