-
Advertisement
क्यों कॉमन होता है ‘O’ ब्लड ग्रुप, जानिए इसके पीछे का विज्ञान
Last Updated on January 5, 2022 by sintu kumar
दुनिया में हर इंसान का अपना बल्ड ग्रुप होता है। बल्ड ग्रुप कई तरह के होते हैं, जिसमें कि ए, बी और ओ बल्ड ग्रुप शामिल हैं। हालांकि, जब भी ब्लड ग्रुप्स की बात आती है तो यह सवाल जरूर उठता है कि ओ ब्लड ग्रुप (O Blood Group) ही सबसे कॉमन क्यों है। ज्यादातर लोगों का बल्ड ग्रुप ओ पॉजीटिव (O Positive) या ओ नेगेटिव (O Negative) होता है।
ये भी पढ़ें-अपने घर की ये चीजें समय रहते बदल दें वरना हो सकता है नुकसान
गौरतलब है कि इंसान की पीढ़ियों को ब्लड ग्रुप उनके माता-पिता से मिलता है। ओ ब्लड ग्रुप होने की वजह एक खास जीन है जो बहुत कम बदलता है। जब ओ ब्लड ग्रुप वाले एक इंसान से ए या बी ब्लड ग्रुप वाले इंसान की शादी होती है तो बच्चे का ब्लड ग्रुप ए, बी या ओ होता है। ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप के लोग दूसरे ब्लड ग्रुप के लोगों को रक्त दे सकते हैं। जिसके चलते ब्लड बैंक में हमेशा ओ-नेगेटिव ब्लड की कमी होने का खतरा बना रहता है।
अमेरिकन रेड क्रॉस सोसायटी के मेडिकल ऑफसिर डॉ. रॉस हेरॉन के अनुसार, अमेरिका के 45 फीसदी लोगों का ब्लड ग्रुप ओ है, जिसमें से 38 फीसदी तक लोगों का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है, जबकि केवल 7 फीसदी का ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है। जिसका सबसे बड़ा कारण जेनेटिक्स (Genetics) है। डॉ. हेरॉन कहते हैं, यह निर्भर करता है कि दुनियाभर के अलग-अलग हिस्से में किस तरह की नस्ल वाली जनसंख्या फैली है। हर एक नस्ल का अपना एक ब्लड ग्रुप होता है। जैसे, दुनिया में कॉकेशियन समुदाय के लोग ज्यादा हैं और इनकी उत्पत्ति का कनेक्शन यूरोप से है। यह श्वेत रंग की नस्ल वाले इंसान हैं, जिनका कि ज्यादातर ब्लड ग्रुप ओ होता है, जिसके चलते ये ब्लड ग्रुप कॉमन होता है। डॉ. रॉस हेरॉन का कहना है कि सबसे ज्यादा आबादी में हमेशा से ही ओ ब्लड ग्रुप होने के कारण यही अगली पीढ़ी में पहुंच रहा है, इसलिए ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है और यह ब्लड ग्रुप काफी कॉमन है।