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…तो क्या तीन मई से Himachal में नहीं चलेंगी निजी बसें, जानने को पढ़ें खबर
ऊना। कोरोना (Corona) काल में निजी बस ऑपरेटरों का सब्र का बांध भी टूटता जा रहा है। अब निजी बस ऑपरेटरों (Private Bus Operators) ने सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। मांगें माने जाने के आखिरी अल्टीमेटम के बाद 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ की बैठक अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से संपन्न हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 26 अप्रैल को डीसी (DC) के माध्यम से प्रदेश सरकार (State Govt) को अपनी मांगों के संदर्भ में अल्टीमेटम दिया जाएगा, जिसमें अंतिम बार सरकार के समक्ष टैक्स (Tax) माफी और वर्किंग कैपिटल (Working Capital) की मांग रखी जाएगी। अगर एक हफ्ते के अंदर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 3 मई को रूट परमिट एवं बसों की चाबी डीसी के माध्यम से सरकार को सौंप दी जाएंगी और बस सेवा बंद कर दी जाएगी।
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बस रूट परमिटों को करवाएंगे जमा
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा कि बैठक में सभी जिला के प्रधानों ने एकजुट होकर मांगें ना माने जाने की सूरत में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी बस ऑपरेटर्स को हमेशा ही बेवकूफ बनाया है, इसलिए अब संघ के पास विरोध प्रदर्शन करने का ही विकल्प बचता है और साथ ही मांगों के पूरा ना होने पर संघ रूट परमिट (Route Permit) को जमा करवाएगा। साथ ही बसों की चाबी भी सरकार को सौंप दी जाएगी। निजी बस ऑपरेटर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए चले जाएंगे।
सरकार के खिलाफ होंगे धरने और प्रदर्शन
निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा है कि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर पिछले 8 महीने से टैक्स माफी और वर्किंग कैपिटल की मांग लगातार करते आ रहे हैं। सरकार द्वारा भी बार-बार आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर चढ़ चुका है। अब यह निर्णय लिया गया है कि मात्र 1 हफ्ते का अल्टीमेटम देने के बाद 3 मई को प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और सरकार के विरुद्ध जगह-जगह धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो फतेहपुर एवं मंडी (Mandi) के उपचुनाव में निजी बस ऑपरेटर एकजुट होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटर के साथ प्रदेश में कई लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी होती है और प्रदेश की निजी बसें बंद हो जाने से लाखों लोगों का रोजगार दांव पर लग जाएगा। बस
ऑपरेटरों के साथ चालक-परिचालक, टायर पंक्चर, पेट्रोल पंप, स्पेयर पार्ट्स, बॉडी बिल्डर और अन्य कई लोगों का रोजगार जुड़ा होता है, जो निजी बस बंद होने के बाद बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगा। निजी बस ऑपरेटर्स इन सभी लोगों के साथ एकजुट होकर सरकार का हर जगह विरोध करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्स हमेशा ही सरकार के साथ खड़े हुए हैं और पिछले वर्ष भी कोविड-19 (Covid-19) के दिशा निर्देशों का पालन करते आए हैं लेकिन अब सरकार द्वारा प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्स की मांगों को अनसुना किया जा रहा है इसलिए यह तय किया गया है कि अब निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
वर्चुअल बैठक में जिला मंडी के प्रधान सुरेश ठाकुर, महासचिव हंस ठाकुर. चेयरमैन गुलशन दीवान, शिमला से अमित चड्ढा, ऊना के प्रधान रामकिशन शर्मा, सुकेश ठाकुर, दिनेश सैनी, सोलन से प्रताप ठाकुर, मनदीप ढल, चंबा के प्रधान रवि महाजन, कांगड़ा के प्रधान रवि दत्त शर्मा, अजय परिहार, विनय बेदी, संदीप वालिया, संजय भाटिया, निपुण गालोढा, केवल सिंह कालोतरा, नालागढ़ के मनोज राणा, हमीरपुर से नरेश दर्जी, भारत भूषण शर्मा, मनोज शर्मा, जिला बिलासपुर से राजेश पटियाल, वीरेंद्र चंदेल और शिमला से विनय नंदा, अमित चड्ढा, सिरमौर से मामराज शर्मा, अखिल शर्मा, रणवीर सिंह, सोलन से मनदीप सिंह, रामपुर से मनीष शर्मा और कुलबीर सिंह गिल आदि उपस्थित थे।